The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing
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मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै। भ्रमत रहौं मोहि चैन न आवै॥
दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की shiv chalisa lyricsl प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट से मोहि आन उबारो॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में शुद्ध जल भरकर रखें।
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥